एमटीन्यूज24×7 हिन्दी न्यूज: श्रीराम राज्य महोत्सव (Ram Rajya Festival 2025) चैत्र शुक्ल की पंचमी तिथि को मनाया जाता है और यह परंपरा सदियों से अनवरत रूप से चली आ रही है।
अयोध्या में इस बार राम राज्य महोत्सव और रामनवमी की तैयारी हो गई है। त्रेतायुग में मर्यादा पुरुषोत्तम भगवान श्रीराम द्वारा आदर्श शासन स्थापित किया गया। वह आज भी रामराज्य के नाम से लोकप्रिय है। यह शासन व्यवस्था सुखी जीवन का आदर्श बन गई थी। व्यावहारिक जीवन में परिवार, समाज या राज्य में सुख और सुविधाओं से भरी व्यवस्था के लिए आज भी इसी रामराज्य का उदाहरण दिया जाता है।
साधारण रूप से जिस रामराज्य को मात्र सुख-सुविधाओं का पर्याय माना जाता है। असल में वह मात्र सुविधाओं के नजरिए से ही नहीं बल्कि उसमें रहने वाले नागरिकों के पवित्र आचरण, व्यवहार, विचार और मर्यादाओं के पालन के कारण भी श्रेष्ठ शासन व्यवस्था का प्रतीक है।
आगे जानते हैं कि प्रभु श्रीराम के राज्य की सीमाएं कहां तक फैली थी,
राम राज्य की सीमाएं
राम राज्य या शासन की राजधानी अयोध्या थी। अयोध्या इक्ष्वाकु और फिर रघुवंशी राजाओं की बहुत पुरानी राजधानी थी। पहले यह कौशल जनपद की राजधानी थी। प्राचीन उल्लेखों के अनुसार तब अयोध्या पुरी का क्षेत्रफल 96 वर्ग मील था।
वाल्मीकि रामायण के 5वें सर्ग में अयोध्या पुरी का वर्णन विस्तार से किया गया है।
उत्तर भारत के तमाम हिस्सों में जैसे कौशल, कपिलवस्तु, वैशाली और मिथिला आदि में अयोध्या के इक्ष्वाकु वंश के शासकों ने ही राज्य कायम किए थे।
प्रभु श्रीराम का शासन या श्रीराम राज्य संपूर्ण अखंड भारत पर था। अखंड भारत की सीमाएं अफगान के हिंदुकुश से अरुणाचल तक थी। दूरी ओर कश्मीर से कन्याकुमारी, अरुणाचल से बर्मा आदि पूर्ववर्ती राज्यों तक थी।
यही कारण है कि श्रीराम राज्य और श्रीराम के होने के सबूत और रामायण का प्रचलन आज भी अफगान, पाकिस्तान, म्यांमार, इंडोनेशिया, मलेशिया, थाईलैंड आदि जगहों पर देखा जा सकता है।