बिहार में बीते दो दिनों में आकाशीय बिजली गिरने से कम से कम 61 लोग मारे गए हैं. पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश में भी इस तरह की घटनाओं में 18 लोगों की जान जाने की खबर है.
देश के नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो के 2022 के आंकड़ों के मुताबिक 2022 में देश भर में कुदरती आपदाओं की वजह से 8060 लोगों की जान गई. इनमें से 2887 लोग यानी 35.8% लोग बिजली गिरने से मारे गए.
साल 2022 में दुनिया भर में बिजली गिरने से करीब 24 हजार लोगों की मौत हुई, जिनमें 2887 लोग अकेले भारत में मारे गए.
ओडिशा के बालासोर स्थित फकीर मोहन विश्वविद्यालय के नेतृत्व में शोधकर्ताओं की एक टीम ने राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों का अध्ययन किया, जिसमें पाया गया कि 1967 से 2020 के बीच बिजली गिरने से 1,01,309 लोगों की मौत हुई, जबकि 2010-2020 के बीच हताहतों की संख्या में तेज वृद्धि हुई। वहीं औसत मृत्यु दर जो 2002 तक 38 थी वह बढ़कर 61 हो गई है।
बिहार में बाढ़, बिजली गिरने और उससे जुड़ी घटनाओं में हर साल सैकड़ों लोगों की मौत होती है. लेकिन एक्सपर्ट चेतावनी देते हैं कि अब बढ़ते जलवायु परिवर्तन की वजह से इस तरह की मौसमी घटनाएं ज्यादा देखने को मिल रही हैं.
बिहार आपदा प्रबंधन अधिकारियों ने पिछले शनिवार को बताया कि गुरुवार और शुक्रवार को बादल गरजने और बिजली गिरने की घटनाओं में राज्य भर में कम से कम 61 लोगों की मौत हुई है. इस दौरान फसल और संपत्तियों के नुकसान की भी खबर है. हालाँकि सरकारी अधिकारियों ने प्रभावित लोगों को मुआवजा देने का एलान किया है.
स्थानीय मौसम विभाग का कहना है कि शनिवार को बिहार में भारी बारिश हो सकती है. उधर भारत के सबसे ज्यादा आबादी वाले राज्य उत्तर प्रदेश में अधिकारियों ने बिजली गिरने और तूफान से जुड़ी घटनाओं में 18 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी है. भारत के पड़ोसी नेपाल में भी बुधवार और गुरुवार को बिजली गिरने की घटनाओं में आठ लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.
भारत के मौसम विभाग ने पिछले दिनों ही चेतावनी दी थी कि आने वाले दिनों में चरम मौसमी घटनाएं देखने को मिल सकती हैं जिनमें देश के पश्चिमी हिस्से में तेज गर्मी और पूर्वी और मध्य हिस्से में बिजली गिरने की संभावना है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अप्रैल का महीना कहीं ज्यादा गर्म रहेगा और इस दौरान देश भर में तापमान सामान्य से कहीं ज्यादा रहेगा.
भारत में भौगोलिक वितरण के मुताबिक पूर्वोत्तर के सभी 7 राज्यों, पश्चिम बंगाल, सिक्किम, झारखंड, ओडिशा और बिहार में बिजली गिरने की आवृत्ति सबसे अधिक रहती है।